
भाई दूज / यम द्वितीया पर्व का माँ तापी नगरी में बड़ा महत्त्व है | माँ तापी – शनि और यम देवता की बहन और सूर्य पुत्री है | भाई दूज / याम द्वितीया पर्व के दिन तापी स्नान का अतुलनीय महत्त्व है |
ताप्ती मंदिर मुलताई के परंपरागत पुजारी पण्डित सौरभ जोशी ने बताया की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तापी स्नान करने से आजीवन व्यक्ति को शनि की पीड़ा नहीं होती – ऐसा वचन शनि भगवान ने माँ ताप्ती को दिया है | इसी मान्यता के चलते माँ ताप्ती उदगम स्थल मुलताई के ताप्ती तट पर हजारो श्रद्धालु हर वर्ष भाई दूज पर स्नान करते है और इस वर्ष भी लोगो का उत्साह देखते ही बनता था | स्नान के पश्चात माँ ताप्ती मन्दिर में दर्शन करा श्रद्धालु आगे के काम काज करते है | ऐसा माना जाता है की भाई दूज के दिन शनि और यम भगवान माँ ताप्ती से मिलने आते है और ये बहुत ही दुर्लभ अवसर होता है | माँ ताप्ती के स्नान मात्र से शनि की साढ़े साती का प्रभाव नगण्य हो जाता है |
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