
जय मां तापी – माँ ताप्ती ताप हरे, सबका उद्धार करे – पं. सौरभ जोशी
माँ ताप्ती मंदिर के परंपरागत प्रमुख पुजारी पं. सौरभ जोशी बताते है की वर्ष २०२० की कठिनाइयों को पर कर के हम सभी वर्ष २०२१ में माँ ताप्ती से सबके उद्धार की कामना करे | माँ ताप्ती के नाम स्मरण से सभी प्रकार के ताप मिट जाते है |
तापी नदी जो कि सूर्य देव की कन्या, छाया, संज्ञा जिनकी माता है शनि ,यम, यमुना, अश्विनी कुमार इनके भाई बहन हैं जिनका प्रादुर्भाव सृष्टि के निर्माण के समय सूर्य के ताप से निर्मित श्वेत बूंदों से हुआ है जिन्हें 21 कल्प धरती पर प्रगट होने को हो चुके हैं जिन्हें आदि गंगा कहा जाता है जिनका विवाह चंद्र वंश के राजा संवरण से हुआ है और जिनके पुत्र कूरू हुए हैं जिन्होंने धर्म की कृषि करने हेतु अपने आप को भूमि रूप में परिवर्तित करने का वरदान प्राप्त कर कुरुक्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है जहां पर महाभारत जैसा महान युद्ध हुआ है ।
मां तापी का इतिहास बड़ा ही वृहद है तापी तट पर शिव शंकर का सदैव वास माना गया है । उद्गम से संगम पर्यंत अनेकानेक शिवलिंग स्थापित है तपेश्वर महादेव ,12 लिंगा, केदारेश्वर महादेव रामेश्वर महादेव,गलतेश्वर महादेव जैसे 108 महत्वपूर्ण शिव क्षेत्रों का उल्लेख तापी महात्तम पुराण में आता है ।
अनेक अनेक प्रसिद्ध ऋषि-मुनियों ने तापी तट पर तपस्या रत होकर मां तापी पर मोक्ष प्राप्त किया है शांडिल्य ऋषि कपिल मुनि सप्त ऋषि जैसे महान ऋषि मुनियों ने तापी तक पर वास करके मोक्ष पाया है श्री राम श्री कृष्ण तट पर आकर तापी सेवन से तृप्त हुए हैं।।
मातापी त्रितापों का शमन करने वाली है आदि दैहिक आदि भौतिक, आध्यात्मिक पापों का मां तापी क्षण में ही क्षय कर देती है… अल्प समय में सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाली जल रूपा मां तापी को नमन कर स्मरण कर जल का सेवन कर अपनी सभी मनोकामना ओं को पूर्ण करें ।।
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