जय माँ तापी

आदि गंगा सूर्यपुत्री माँ तापी देवस्थान

माँ तापी महा सौभाग्य सप्तमी पूजन – Maha Soubhagya Saptami

!! जय माँ तापी !!

शारदीय नवरात्रि का आज सातवां दिन है. इस दिन को विशेष माना जाता है क्योंकि आज मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां कालरात्रि अपने भक्तों को वरदान देने के साथ ही कष्ट देने वाले ग्रहों की बाधाएं भी दूर करती हैं. मां कालरात्रि की आराधना से आकस्मिक संकटों से मुक्ति भी मिलती है.

विशेष पूजा-अर्चना 

अश्विन शुक्ल सप्तमी नवरात्रि उत्सव का सप्तम दिवस कल प्रातः काल महा सौभाग्य सप्तमी पूजन होगा जिसमें प्रातः काल माता जी का मंगल अभिषेक पूजन होगा एवं सप्तशती पाठ किया जायेगा |

संध्या काल में माँ तापी का पुष्पार्चन माँ तापी के २१ कल्प नामावली का 108 बार पठन कर सांध्य महा पुजन आरती होगी ..

इसके पश्चात तापी चालीसा एवं भजन संध्या होगी |

जानिए कैसा है मां कालरात्रि का रूप

मां कालरात्रि का शरीर काला है. मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं. साथ ही गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती है. मां कालरात्रि के चार हाथ हैं. एक हाथ में माता ने खड्ग (तलवार). दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ वरमुद्रा और चौथे हाथ अभय मुद्रा में है. मां की कृपा प्राप्त करने के लिए मां को गंगाजल, गंध, पुष्प, अक्षत, पंचामृत से पूजा की जाती है. मां कालरात्रि को लाल रंग की चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है.

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